लेखनी कविता -दाता एक राम - अल्हड़ बीकानेरी

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दाता एक राम / अल्हड़ बीकानेरी साधू, संत, फकीर, औलिया, दानवीर, भिखमंगे दो रोटी के लिए रात-दिन नाचें होकर नंगे  घाट-घाट घूमे, निहारी सारी दुनिया  दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ...

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